और फिर चिराग बुझा दिया

एक सहाबी रोजा पर रोजा रखते थे इफ्तार के लिए कोई चीज खाने के लिए नहीं मिलती थी अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम की एक अंसारी साहब हजरत साबित
 अल्लाह उन्होंने इस बात को ताड़ लिया फॉरेन अपने घर गए BP से कहा कि मैं रात को एक मेहमान लाऊंगा जब खाना शुरू करो तो तुम जरा दुरुस्त करने के बहाने उसे बुझा देना और जब तक मेहमान का पेट न भर जाए खुद ना खाना उन्होंने ऐसा ही किया मेहमान के साथ घरवाले मेजबान दिखाने के लिए बैठ गए और भी ऐसे शरीफ रहे जैसे खा रहे हो सुभान अल्लाह इस बेहतरीन बहाने से मेहमान ने भरपेट खाना खा लिया हजरत साबिर साथ बैठे रहे हाथ खाने तक ले जाते मुंह तक लाते बड़ा अच्छा इंसान था जब हजरत साबित सुबह हजूर की मजलिस में हाजिर हुए पैगंबर ए आजम सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने हजरत साबिर से फरमाया कि रात को तुम्हारा मेहमान के साथ बर्ताव अल्लाह ताला को बहुत ही पसंद आया कैसे अच्छे लोग थे कि खुद भूखे रहकर मेहमान को खिला देते

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