रोजा के डॉक्टरी फायदे
अल्लाह ताला ने मुसलमानों पर रमजान शरीफ के रोजे खर्च किए हैं। अल्लाह ताला की तरफ से बंदों पर यह इबादत बेमिसाल है। रोजा इबादत ही नहीं बल्कि इंसान को कई बीमारियों से महफूज रखता है जैसे, जिस्मानी और जहनी दबाव, मिर्गी, वजन बढ़ना ,पेट की कई बीमारियां, नींद की कमी वगैरह का रोजा बहुत अच्छा इलाज है। आंतों का पुराना वरम मय पेशाब की बीमारी के, जैसे बदबूदार पेशाब आना और खराब मैदे का इलाज भी भेजा है। ऊपर लिखी बीमारियों में रोजा एक कामयाब इलाज है क्योंकि दोनों वक्त खाने के बीच खासकर पानी नहीं पिया जाता कि एक खाने से दूसरे खाने के बीच लंबा ठहराव हो जाता है। इंसान का वजन कम हरकत करने वाला और ज्यादा खाने से वजन बढ़ जाए तो रोजा रखने से बराबरी पर आ जाता है। शर्त यह है कि ईफंततार.के वक्त कम मिकदार में गिरजा खाई जाए और सहरी के वक्त भी मुनासिब खुराक पर ही सब्र करना अच्छा है, क्योंकि इन दोनों वक्त में कई तरह की गिजाओ का इंतजाम हो जाता है और रोजेदार भूखा रहता है तो कुछ ज्यादा ही खाने में आ जाता है, इसलिए अहतियात जरूरी है।
तरह-तरह की ख्वाहिशें दिल में बढ़ने से इंसान कई साइकोलॉजिकल बीमारियों का शिकार रहने लगता है।
रोजा रखने से रोजेदार में सब्र और बर्दाश्त की कूवत पैदा होती है और इस तरह रोजेदार अपने नफ्स पर कंट्रोल करने की सलाहियत यानी आदत हासिल कर लेता है| नफ्स को ख्वाहिश चाहत से रोकना इंसान को कई बीमारियों से बचाता है| शुगर की बड़ी बीमारी की तरह एक खतरनाक बीमारी है इसे बीमारियों की जड़ कहा जाता है यह बीमारी ज्यादातर मोटापे की वजह से ही होती है रोजाँ इस बीमारी का बेहतरीन इलाज है जब इंसान 30 दिन कम खाता है तो वजन घटने से इसकी शुगर अपने आप गिर जाती हैं क्योंकि शुगर का असर गुर्दे दिमाग की नसें और दिल पर होता है| रोजे से ऐसे आते साफ सुथरी रहती है| खाना हजम करने में अच्छा काम करती है और पेट की इस्लाह भी बदन गंदगी और बेकार सूत्रों से पाक साफ होते हैं |इसी वजह से रसूल अकरम sallallahu अलेही वसल्लम का इराशादे गिरामी है- रोजा रखो तंदरुस्त रहोगे
तरह-तरह की ख्वाहिशें दिल में बढ़ने से इंसान कई साइकोलॉजिकल बीमारियों का शिकार रहने लगता है।
रोजा रखने से रोजेदार में सब्र और बर्दाश्त की कूवत पैदा होती है और इस तरह रोजेदार अपने नफ्स पर कंट्रोल करने की सलाहियत यानी आदत हासिल कर लेता है| नफ्स को ख्वाहिश चाहत से रोकना इंसान को कई बीमारियों से बचाता है| शुगर की बड़ी बीमारी की तरह एक खतरनाक बीमारी है इसे बीमारियों की जड़ कहा जाता है यह बीमारी ज्यादातर मोटापे की वजह से ही होती है रोजाँ इस बीमारी का बेहतरीन इलाज है जब इंसान 30 दिन कम खाता है तो वजन घटने से इसकी शुगर अपने आप गिर जाती हैं क्योंकि शुगर का असर गुर्दे दिमाग की नसें और दिल पर होता है| रोजे से ऐसे आते साफ सुथरी रहती है| खाना हजम करने में अच्छा काम करती है और पेट की इस्लाह भी बदन गंदगी और बेकार सूत्रों से पाक साफ होते हैं |इसी वजह से रसूल अकरम sallallahu अलेही वसल्लम का इराशादे गिरामी है- रोजा रखो तंदरुस्त रहोगे
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