मैदान-ए-जंग में गैबी मदद

रिवायत है कि रूमियो और मुसलमानों में जग शुरू होने से पहले हजरत शरजिल  ने अपने साथियों से कहा -साथियों| रसूले अकरम सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम का फरमान है Jannat तलवारों के साए में है और अल्लाह रब्बुल इज्जत को वह खून का कतरा और वह आंख आंसू ज्यादा प्यारा है  जो अल्लाह तआला की राह में  टपका और अल्लाह के खौफ से  निकला | दुश्मनों से डटकर लड़ो  उन पर तीर बरसाओ यह तीर बेकार नहीं जाएंगे  तीर चलाना तुम्हारा काम है  दुश्मनों के सीने में उतारना अल्लाह जब्बरौ कहहार  का काम है |
           यह सुनने के बाद मुसलमान  दुश्मनों पर टूट पड़े  ₹12000 रुमियों से   मुट्ठी भर मुसलमान  लड़ रहे थे | एक मुजाहिद ने  बताया कि उस वक्त  रोमियो के बीच  मुसलमानों की हैसियत ऐसी थी जैसे काले उट पर एक सफेद तिल | मुसलमान जान तोड़कर लड़ रहे थे|  उस वक्त हजरत शरजिल फोजो  के बीच हाथ उठा अल्लाह की बारगाह में रो-रो कर दुआ फरमा रहे थे  कि -  ऐ अल्लाह ऐ हमारी खालिको   मालिक तूने अपने नबी सैयद उल मुजाहिदीन से वादा फरमाया है कि मुसलमान शाम और पारस को फतह  करेंगे|ऐ अल्लाह तु हमारी मदद फरमा

           अभी यह दुआ खत्म ही ना हुई थी कि अल्लाह की मदद आ गई| मुसलमान दुश्मनों में घीरै हुए थे कि अचानक  आसमान पर एक हवा का तूफान उठा, हर तरफ गुब्बारा सा छा गया |उस गुबार में  मुसलमानों ने  घौङौ दौड़ने पर तीर चलने की आवाज सुनी| ग़ुबार में नजर आने वाले सवार ये कह रहे थे- ए शरजिल   बसारत हो अल्लाह रब्बुल इज्जत की मदद आ गई है फतह मुबारक हो |फिर वाकई मुसलमानों ने उस जंग को अल्लाह की मदद से फतह कर लिया और रूमी लश्कर बिखर कर  शिकस्त  खा  गया |अगर दुआ दिल से हो तो अल्लाह  मदद फरमाता है |

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