हदीस की बाते
अब्दुल्लाह बिन
मसूद रदी अल्लाहू अन्हु से रिवायत है की रसूल-अल्लाह सलअल्लाहू अलैही वसल्लम ने
फरमाया बदफाली (शगुन में यकीन करना) शिर्क है किसी को बदफाली (शगुन) का वहम हो तो
(अल्लाह सुबहानहु पर भरोसा करे) अल्लाह सुबहानहु उस भरोसे की वजह से उसको दूर फरमा
देगा।
सुनन इब्न माजा
.
इब्न अब्बास रदी अल्लाहू अन्हु से रिवायत है की
नबी सलअल्लाहू अलैही वसल्लम ने फरमाया मेरी उम्मत के 70,000 लोग बिना हिसाब
के जन्नत में जाएँगे ये वो लोग होंगे जो झाड़-फूँक नही करते हैं और ना शगुन लेते
हैं ( यानी अच्छे बुरे शगुन में यकीन नही करते) और अपने रब पर ही भरोसा करते हैं
सही बुखारी, जिल्द 7,
6472
तशरीह : शगुन यानि फ़ालतू बातों में यकीन करके
उस काम को छोड़ देना जैसे काली बिल्ली रास्ता काट जाने से काम ख़राब होता , घर
से दही पीकर निकलने से काम अच्छा होता है ये सब शगुन में आता है , ऐसी
बातो का यकीन नहीं करना चाहिए क्यूंकि होता वही है जो अल्लाह चाहता है
मआज बिन जबल
रदिअल्लाहु अन्हो कहते है कि मैन रसूल अल्लाह सल अल्लाहु अलैहि वसल्लम को फरमाते
हुए सुना :अल्लाह तबारक वा ताला ने फ़रमाया: मेरी अज़मत और बुजु़र्गी के लिए आपस में
मुहब्बत करने वालों के लिए क़यामत के दिन नूर ( रोशनी ) के ऐसे मिंबर होंगे जिन पर
अंबिया और शोहदा रस्क करें।
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