नमाज में जो आप पढ़ते हो उस का तर्जुमा क्या है
नमाज में जो आप पढ़ते
हो उस का तर्जुमा क्या है
नमाज में जो आप पढ़ते हो उस का तर्जुमा क्या है
समझ लो समझ के पढोगे तो आप को नमाज़ पढने में पता चलेगा आप क्या पढ़ रहे हो
नमाज में जो आप पढ़ते हो उस का तर्जुमा क्या है
समझ लो समझ के पढोगे तो आप को नमाज़ पढने में पता चलेगा आप क्या पढ़ रहे हो
SANA सना
سُبْـحانَكَ اللّهُـمَّ وَبِحَمْـدِكَ وَتَبارَكَ اسْمُـكَ وَتَعـالى جَـدُّكَ وَلا إِلهَ غَيْرُك "
Subhanaka Allahumma Wa Bihamdika Wa
tabarakasmuka Wat'ala Jadduka Walaa ilaha
Gairuka.
सुभानाका अल्लाहुम्मा व बिहाम्दिका व
ताबराकस्मुका वत आला जद्दुका वाला इलाहा
गैरुका
तर्जुमा
ए अल्लाह में तेरी पाकी बयां करता हु और
तेरी तारीफ़ करता हु और तेरा नाम बर्कात्वाला
है बुलंद है तेरी शान और नहीं हैं तेरे सिवा कोई
सुभानाका अल्लाहुम्मा व बिहाम्दिका व
ताबराकस्मुका वत आला जद्दुका वाला इलाहा
गैरुका
तर्जुमा
ए अल्लाह में तेरी पाकी बयां करता हु और
तेरी तारीफ़ करता हु और तेरा नाम बर्कात्वाला
है बुलंद है तेरी शान और नहीं हैं तेरे सिवा कोई
RUKU
ME:-
Subhana
Rabbiyal Azim
रुकू में
सुभाना रब्बियल अज़ीम
तर्जुमा
पाक हे मेरा रब अजमत वाला
रुकू से उठते वक़्त
RUKU SE UTHTE WAQT:-
सुभाना रब्बियल अज़ीम
तर्जुमा
पाक हे मेरा रब अजमत वाला
रुकू से उठते वक़्त
RUKU SE UTHTE WAQT:-
SamiAllahu
Liman Hamida.
Rabbana
Lakal Hamd.
रुकू से उठते वक़्त
समिअल्लाहू लीमन हमीदा
रब्बना लकल हमद
रुकू से उठते वक़्त
समिअल्लाहू लीमन हमीदा
रब्बना लकल हमद
तर्जुमा
अल्लाह ने उसकी सुन्न ली जिसने उसकी तारीफ़ की
ए हमारे रब तारे ही लिए तमाम तारीफे हे
सजदे में
सुभाना रब्बियल अ आला
तर्जुमा
पाक हे मेरा रब बड़ी शान वाला
पाक हे मेरा रब बड़ी शान वाला
नबी
सल अल्लाहु अलैहि वसल्लम ने फरमाया " जो लोग मर गए उन को बुरा न कहो क्योंकि
जो कुछ उन्होंने आगे भेजा था उस के पास वो खुद पहुंच चुके है उन्होंने बुरे भले जो
भी अमल किये थे वैसा बदला पा लिया"।
हुज़ूर (सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ) ने फ़रमाया
मुझे बछो की 5 आदते पसंद है
1 वो रो कर मांगते है ओर अपनी बात मनवा लेते हैं
हुज़ूर (सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ) ने फ़रमाया
मुझे बछो की 5 आदते पसंद है
1 वो रो कर मांगते है ओर अपनी बात मनवा लेते हैं
2
वो मिटटी से खेलते है (यानि गुरूर को ख़ाक में मिलते है )
3 झगङतै है फिर सुलाह कर लेते है (यानि दिल में हसद बुघज़ ओर कीना नहीं रखते )
4 जो मिल जुल कर खाते है और खिलते है (ज्यादा जमा करने की हिर्स नाही करते )
5 मिटटी से घर बनाते है और खेल कर गिरा देते है (यानि ये बताते हैं के ये दुन्य फनी है
(बुखारी शरीफ )
इस लिया अपने रब्ब के सामने रोना सीको
और अपने रब्ब को मना लो बेशक अल्लाह ताला 70 माओ से जादा प्यार करता है
जो शख्स सोते वक़्त 21 बार पूरी बिस्मिल्लाह पढता है
अल्लाह फरिश्तों से फरमाता है के इसकी हर साँस के बदले नेकी लिखो
3 झगङतै है फिर सुलाह कर लेते है (यानि दिल में हसद बुघज़ ओर कीना नहीं रखते )
4 जो मिल जुल कर खाते है और खिलते है (ज्यादा जमा करने की हिर्स नाही करते )
5 मिटटी से घर बनाते है और खेल कर गिरा देते है (यानि ये बताते हैं के ये दुन्य फनी है
(बुखारी शरीफ )
इस लिया अपने रब्ब के सामने रोना सीको
और अपने रब्ब को मना लो बेशक अल्लाह ताला 70 माओ से जादा प्यार करता है
जो शख्स सोते वक़्त 21 बार पूरी बिस्मिल्लाह पढता है
अल्लाह फरिश्तों से फरमाता है के इसकी हर साँस के बदले नेकी लिखो
MashaAllah
ReplyDeleteJazak Allahu Khairan for posting this <3
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